छत्तीसगढ़ – रिश्वत लेने वाले दो पटवारियों को एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथों पकड़ा,की गई कार्यवाही
छत्तीसगढ – एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने प्रदेश के अलग अलग जिलों में रिश्वत लेते दो पटवारियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही पटवारी नक्शा कटवाने और नाम स्थांतरण के नाम पर आवेदकों से रिश्वत की मांग कर रहे थे,जिस पर लोगों ने बड़ी जागरूकता के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों से संपर्क किया और एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक ट्रेप तैयार कर घूसखोर पटवारियों को रंगे हाथों धर दबोचा। पूरे मामले को लेकर प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है जिसके अनुसार प्रार्थी संजय कुमार खुंटे, निवासी ग्राम
पनगाँव, तह. पामगढ़ जिला जांजगीर-चांपा ने एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर के कार्यालय में शिकायत की थी, कि उसके द्वारा ग्राम पनगांव में स्थित 25 डिसमील जमीन कय किया जाना है जिसके नक्शा कटवाने के कार्य हेतु आरोपी पटवारी विजय लहरे से सम्पर्क करने पर उनके द्वारा 3500 रू. रिश्वत की मांग की जा रही थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देता चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पर सही पाये जाने से ट्रेप आयोजित कर आज दिनांक 28.06.2024 को आरोपी विजय लहरे पटवारी ग्राम पनगाँव, तह. पामगढ़, जिला जाजंगीर-चांपा को पटवारी कार्यालय में प्रार्थी से राशि 3500 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
इसी प्रकार प्रार्थी किशोर दास साहू, निवासी ग्राम टोला गाँव, तह. खैरागढ़ जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ने एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर के कार्यालय में शिकायत की थी, कि उसकी माताजी के नाम पर कृषि भूमि ग्राम टोलागांव एवं प्रकाशपुर में स्थित है। उसके माता जी की मृत्यु पश्चात् फौती, बटांकन एवं नामांतरण के कार्य हेतु आरोपी पटवारी विवेक कुमार परगनिहा से सम्पर्क करने पर उनके द्वारा उपरोक्त कार्य हेतु प्रति गांव की जमीन के लिये दस हजार रूपये के हिसाब से कुल 20,000 रूपये रिश्वत की मांग की गई थी। जिसमें से 4,000 रू एडवांस के रूप में ले लिया गया है। प्रार्थी रिश्वत नहीं देता चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पर सही पाये जाने से ट्रेप आयोजित कर आज दिनांक 28.06.2024 को आरोपी विवेक कुमार परगनिहा पटवारी मुढ़ीपार तह. खैरागढ़ को पटवारी कार्यालय में प्रार्थी से दूसरी किश्त 4,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।उपरोक्त दोनों प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।उल्लेखनीय है कि उपरोक्त ग्रामों के समस्त ग्रामवासी पटवारी से परेशान थे और पटवारी के खिलाफ कार्यवाही के लिये भारी संख्या में एसीबी कार्यालय में उपस्थित हुये थे।